यदि किसी आवेशित कण का आरम्भिक वेग चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा के लम्बवत् है तो उसका पथ होगा

  • A

    सरल रेखा

  • B

    दीर्घवृत्त

  • C

    वृत्त

  • D

    सर्पिल (Helix)

Similar Questions

एक शक्तिशाली चुम्बकीय क्षेत्र को एक स्थिर इलेक्ट्रॉन पर आरोपित किया जाता है तब

द्रव्यमान $m$ तथा आवेश $q$ का एक कण

$\overrightarrow{ E }=2 \hat{ i }+3 \hat{ j } ; \quad \overrightarrow{ B }=4 \hat{ j }+6 \hat{ k } \text {. }$

द्वारा दिये गये विधुत एवं चुम्बकीय क्षेत्र में है। इस आवेश को मूलबिन्दु से बिन्दु $P ( x =1 ; y =1)$ तक एक सीधी रेखा के पथ के अनुगत विस्थापित करते हैं। किये गये कुल कार्य का परिमाण है।

  • [JEE MAIN 2019]

वर्णित हेल्महोल्टज कुंडलियों का उपयोग करके किसी लघुक्षेत्र में $0.75\, T$ का एकसमान चुंबकीय क्षेत्र स्थापित किया है। इसी क्षेत्र में कोई एकसमान स्थिरवैध्यूत क्षेत्र कुंडलियों के उभयनिष्ठ अक्ष के लंबवत लगाया जाता है। (एक ही प्रकार के ) आवेशित कणों का $15 \,kV$ विभवांतर पर त्वरित एक संकीर्ण किरण पुंज इस क्षेत्र में दोनों कुंडलियों के अक्ष तथा स्थिरवैध्यूत क्षेत्र की लंबवत दिशा के अनुदिश प्रवेश करता है। यदि यह किरण पुंज $9.0 \times 10^{-5}\, V m ^{-1}$, स्थिरवैध्यूत क्षेत्र में अविक्षपित रहता है तो यह अनुमान लगाइए कि किरण पुंज में कौन से कण हैं। यह स्पष्ट कीजिए कि यह उत्तर एकमात्र उत्तर क्यों नहीं है।

एक इलेक्ट्रॉन एक चुम्बकीय क्षेत्र में प्रवेश करता है। यदि इलेक्ट्रॉन के वेग की दिशा चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा में हो, तो

एक प्रोटॉन पूँज एकसमान विघुत क्षेत्र में, क्षेत्र से $60^{\circ}$ के कोण पर चाल $4 \times 10^{5}\, ms$ से प्रवेश करता है। परिणामी हेलिकल पथ के पीच का सन्निकट मान है (प्रोटॉन का द्रव्यमान $=1.67 \times 10^{-27}\, kg$, प्रोटॉन का आवेश $\left.=1.69 \times 10^{-19} \,C \right)$

  • [JEE MAIN 2020]